वाहन चलाने का शौक पर डीएल नही बनवा रही महिलाएं
महज दस फीसदी महिलाएं ही बनवा रही डीएल
नैनी। सड़क सुरक्षा नियमों और जागरुकता को लेकर जिले की आधी आबादी उदासीन है। हर मार्ग पर महिलाएं दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाते मिल जाएंगी। लेकिन पिछले एक साल में कुल बने ड्राइविंग लाइसेंस का 10 फ़ीसदी भी महिलाओं का नहीं है। यह हाल तब है जब मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव कर वाहन चालान की दरों में कई गुना वृद्धि कर दी गई है।
प्रयागराज में वाहनों की संख्या लाखो में है। लेकिन डीएल बनवाने में महिलाओं की संख्या न के बराबर हैं। 2011की जनगणना के मुताबिक 1000 हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 901 है। साक्षरता दर भी अस्सी फीसदी है। सुविधाओं के विकेंद्रीकरण के क्रम में संभागीय परिवहन ऑफिस से स्थानांतरित होकर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का कार्य नैनी स्थित ड्राइविंग ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट में 1 जून 2021 से हो रहा है। एक जनवरी 2022 से एक जनवरी 2023 तक 8333 महिलाएं और 102207 पुरुषों के लाइसेंस बनाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो महिलाओं के नाम पर गाड़ियां तो खरीदी जा रही हैं लेकिन सड़क पर महिलाएं बिना लाइसेंस के ही गाड़ी चला रही हैं। मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव के बाद वाहन चालान की दरों में कई गुना वृद्धि की गई है लेकिन चालान का दर भी महिलाओं को डीएल बनवाने के प्रति प्रेरित नहीं कर सका है। सेंटर के संभागीय निरीक्षक संजय गुप्ता के अनुसार भारी वाहनों के लाइसेंस में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम होती है। एलएमवी और दोपहिया के डीएल बनवाने में जागरूकता की कमी के कारण महिलाएं कम आगे आती हैं। इनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किया जा रहा है।













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