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करोड़ों खर्च कर त्रिवेणी पुष्प का होगा विकास





महाकुम्भ के पहले क्षेत्रीय  सांस्कृतिक और मनोरंजन का हब बनेगा अरैल त्रिवेणी पुष्प


नैनी। प्रयागराज में 2025 में लगने जा रहे महाकुम्भ में इस बार यूपी सरकार अरैल क्षेत्र के  त्रिवेणी पुष्प को  क्षेत्रीय  सांस्कृतिक और मनोरंजन के हब के रूप में विकसित किया जाएगा |  लघु सांस्कृतिक भारत  के रूप में विकसित किये जा रहे इस हब में पर्यटकों और श्रद्धालुओं को यहाँ देश की धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, कृषि के विभिन्न आयामों की जानकारी मिलेगी इसी स्थान संगम से अरैल के किला के बीच बनने वाले रोपवे के लिए भी इस जगह संभावनाएं तलाशी जा रही  हैं। त्रिवेणी पुष्प  यूपी के पूर्व विधान सभा अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के की कल्पना थी जिसे 2003 में मूर्त रूप दिया गया था।

जानकारी के अनुसार प्रयागराज के ऐतिहासिक किले के ठीक सामने अरैल में मौजूद त्रिवेणी पुष्प के कायाकल्प होने जा रहा है। इसके पीपीपी माडल पर प्रयागराज के सांस्कृतिक और मनोरंजन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने के योजना है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह चौहान बताते है कि  त्रिवेणी पुष्प का विकास देश के धार्मिक,सांस्कृतिक और सामाजिक के विभिन्न पहलुओं को लोगो को परिचित करने का एक प्रयास है जिसे तय सीमा में पूरा किया जाएगा। प्रयागराज विकास प्राधिकरण इसे पीपीपी मॉडल के तर्ज पर दस साल के लिए लीज पर देगा । धार्मिक,सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र होने के कारण यह साल भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। प्रशासन की मंशा इसे कृषि और नदी आधारित पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने की भी है। त्रिवेणी पुष्प में पर्याप्त जगह होने के कारण यहां इसकी अपार संभावनाएं हैं। साल 2025 में लगने वाले कुंभ तक इस कार्य को पूरा करने की तैयारी है। त्रिवेणी पुष्प में योग कैंप,मनोरंजन जोन,फूड कोर्ट,सरकारी,राजनैतिक,सामाजिक और व्यापारिक गतिविधियों के लिए स्थान तय किए जायेगे। रोपवे  से इसकी शहर तक कनेक्टिविटी के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसके कायाकल्प से स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे |

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