शातिर दुल्हन के शिकार दूल्हे की नहीं सुन रहा कोई फरियाद
नैनी। पहली पत्नी की मौत के बाद पति को दलालो ने नई नवेली दुल्हन के सब्जबाग़ दिखाया और एक शातिर युवती के साथ कोर्ट मैरिज करा दी। इसके एवज में दलालो ने सत्तर हज़ार वसूल लिए।
शातिर दुल्हन दो दिन में ही घर के सारे गहने लेकर फरार हो गई। इतना ही नहीं शादी के दूसरे दिन सुहागरात पर पति को बीमारी का बहाना बताकर अलग सोने के लिए भेज दिया। एक दिन एक दिन बाद शॉपिंग के लिए घर से पति के साथ निकली और फिर लौट के नहीं आई। परेशान पति ने ने तीन महीने तक अपनी नवेली दुल्हन की तलाश की। लेकिन उसका कहीं पता नहीं लगा। पीड़ित पति ने कोतवाली में तहरीर दी, थाने का चक्कर भी लगाया लेकिन न तो उसे दुल्हन मिली और न उसके जेवरात। पूरा मामला प्रयागराज के नैनी कोतवाली क्षेत्र का है। पुलिस ने पीड़ित पति की मदद नाही लर रही है।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के रहने वाले मन्नू लाल गहरवार की पहली पत्नी की मौत 2022 में हो गई। इसके बाद वह घर की परिस्थितियों को लेकर काफी परेशान रहने लगा। इसी बीच उसकी मुलाकात गांव के ही रहने वाले मुकेश से हुई। मुकेश ने मन्नू लाल को दूसरी शादी करने की सलाह दी। कुछ दिन बाद मुकेश ने मन्नू लाल को प्रयागराज में दारागंज के रहने वाले धीरज से मुलाकात कराई। धीरज ने मन्नू लाल से नैनी पीडीए महर्षि चौराहे के पास रहने वाली एक महिला से मीटिंग करा दी। महिला ने मन्नू लाल के सामने लड़कियों की फोटो दिखाना शुरू किया और फिर उन तस्वीरों में एक लड़की पसंद आ गई। जिसका नाम गुड्डन था। सभी ने मिलकर प्रयागराज के जनपद न्यायालय में मन्नू लाल और गुड्डन की कोर्ट मैरिज शादी करा दी। फिर आलोपिन देवी के मंदिर में रीति रिवाज से सिंदूर दान हुआ। शादी करने की एवज में दलालो ने मुन्नू लाल से सत्तर हज़ार रुपये वसूल लिए। मुन्नू लाल बहुत खुश था। 18 दिसंबर 2024 को दोनों का विवाह हो गया और फिर वह अपने साथ गुड्डन को लेकर टीकमगढ़ मध्य प्रदेश चला गया।
19 दिसंबर को मन्नू लाल की सुहागरात थी। वह बहुत खुश था। अब उसकी परेशानियां कम होने को थी। घर में देखरेख करने वाली उसकी पत्नी आ चुकी थी। वह पत्नी के साथ नए जीवन की शुरुआत करता, इससे पहले ही पत्नी ने बीमारी का बहाना बताया और उसे अलग सोने के लिए कहा। शादी के दो दिन तक गुड्डन मन्नू लाल के साथ रही। 21 दिसंबर को मौका फरार जेवर और गहने लेकर फरार हो गई। एक दिन उसकी पत्नी गुड्डन का फोन आया और उसने मन्नू लाल को नैनी बुलाया। लेकिन वह चलने की तैयार नहीं थी। इस बीच पैसों की मांग की गई। मन्नू लाल 70 हजार दिए। अपनी जमीन को गिरवी रखकर 60 हजार फिर दिए लेकिन वह साथ में नहीं गई। मन्नू लाल ने नैनी थाने पर तहरीर दी। अधिकारियों को चौखट पर जाकर सभी के खिलाफ कार्रवाई और अपने सामान वापस कराने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने उसे थाने से भगा दिया। मन्नू कभी प्रयागराज नैनी तो कभी टीकमगढ़ कोतवाली के चक्कर लगा रहा है।
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