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सोने चांदी के नहीं गोबर के आभूषण लीजिए जनाब



आशारानी स्वयं सहायता समूह बना रही है गोबर से आभूषण


मिल रहे है विदेशों से प्रोत्साहन और ऑर्डर


प्रयागराज। गाय के गोबर का उपयोग जीवन के विविध रूपों में हो रहा है। इसे ईंधन, खाद, निर्माण सामग्री और पेंट जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा रहा है। अब महिला स्वयं सहायता समूह गाय के गोबर को आभूषण की शक्ल में लोगों को केवल भारत में बल्कि विदेशों तक पहुंचा रहा है। प्रयागराज के आशारानी समूह की आभा सिंह अपने विवेक से अद्भुत आभूषणों जैसे नेकलेस और इयर रिंग को गाय के गोबर से बना रही हैं। आभा सिंह के अनुसार गोबर और औषधीय गुणों के अलावा अब गोबर से बने आभूषण लोगों को खूब भा रहे हैं। इसका प्रशिक्षण अब गैर जनपद की महिलाओं जैसे बलिया गोरखपुर और वृंदावन को दिया जा रहा है। इस आभूषण को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी पर प्रस्तुत किया जा रहा है। यहां पूरे विश्व से इसकी सराहना की जा रही है। लोग अब इनकी उपलब्धता के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। सुदूर देशों से गाय के गोबर की वॉल हैंगिंग के बारे में भी लोग पूछ रहे हैं। 




आभा सिंह ने आशारानी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लगभग 2 साल पहले इस मिशन की शुरुआत की थी। अगले महीने दिल्ली में इसकी प्रदर्शनी भी लगाई जा रही हैं। स्वदेशी और स्वावलंबी भारत के बैनर तले इस प्रदर्शनी में गाय के गोबर की विभिन्न उत्पाद रखे जाएंगे। अपने उत्पादों के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि गोबर को सुखाने के बाद इसमें मौजूद घास और अन्य दूसरे तत्वों को हटा दिया जाता है। इसके बाद इसका पाउडर बनाकर मिट्टी मिलाई जाती है। फिर विभिन्न आकार में डाला जाता है। गाय के गोबर से बने नेकलेस की कीमत 350 से ₹400 और इयररिंग की कीमत 30 से ₹50 तक है। आभा सिंह के अनुसार इन आभूषणों को पहनना हमारी संस्कृत की पहचान है।

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