सुरक्षित घर वापसी के तहत छह हजार तीन सौ लोगो की परिजनों से मिलाया
77 वर्ष पूर्व स्थापित 'भूले भटके शिविर' होगी हाईटेक
जिसके माध्यम से भूले भटके लोगों को उनके परिजनों तक मिलाया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि शिविर में कार्यरत कम से कम 40 ऐसे स्वयंसेवक हैं। जिनकी तीसरी पीढ़ी भूले भटके लोगों को संगम किनारे अपने परिजनों से मिलाने का पवित्र काम कर रही है। इस बार 'सुरक्षित घर वापसी' की थीम पर स्वयंसेवकों ने कार्य किया है। मेले में भूलने वाले लोगों में सर्वाधिक लोग रीवा, सतना, कटनी,जौनपुर कौशांबी, गोंडा, बहराइच,बलरामपुर, अयोध्या, बस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर के श्रद्धालु शामिल थे।














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