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सुरक्षित घर वापसी के तहत छह हजार तीन सौ लोगो की परिजनों से मिलाया



सुरक्षित घर वापसी के तहत छह हजार तीन सौ लोगो की परिजनों से मिलाया


77 वर्ष पूर्व स्थापित 'भूले भटके शिविर' होगी हाईटेक

प्रयागराज। गंगा जमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर लगने वाले इस वर्ष के माघ मेला में करीब 6300 भूले भटके लोगों को 'भूले भटके शिविर' के माध्यम से उनके परिजनों को मिलाया गया। पिछले 77 वर्षों से 'भूले भटके शिविर' माघ मेला अर्ध कुंभ और कुंभ मेला के दौरान लगभग 15.32 लाख लोगों को उनके परिजनों से मिला चुका है। 1946 मैं स्वर्गीय राजाराम तिवारी द्वारा स्थापित भूले भटके शिविर ने अब तक 21836 बच्चों सहित लगभग 15.32 लाख लोगों को उनके परिजनों से मिला चुका है। शिविर के संचालक उमेश तिवारी ने बताया कि 2025 में लगने वाले महाकुंभ में कम से कम 5 हाईटेक डिजिटल कैंप का संचालन करने की योजना है।









 जिसके माध्यम से भूले भटके लोगों को उनके परिजनों तक मिलाया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि शिविर में कार्यरत कम से कम 40 ऐसे स्वयंसेवक हैं। जिनकी तीसरी पीढ़ी भूले भटके लोगों को संगम किनारे अपने परिजनों से मिलाने का पवित्र काम कर रही है। इस बार 'सुरक्षित घर वापसी' की थीम पर स्वयंसेवकों ने कार्य किया है। मेले में भूलने वाले लोगों में सर्वाधिक लोग रीवा, सतना, कटनी,जौनपुर कौशांबी, गोंडा, बहराइच,बलरामपुर, अयोध्या, बस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर के श्रद्धालु शामिल थे।

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