नो स्मोकिंग डे पर लोगो को किया जागरूक
उमा शंकर मिश्रा की रिपोर्ट
इसका इतिहास यूनाइटेड किंगडम से जुड़ा हुआ है. दरअसल, यूनाइटेड किंगडम में लोग स्मोकिंग के आदी होना शुरू हो गए. देश की एक बड़ी आबादी इस नशे की चपेट में आ गई. यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने तय किया कि लोगोें को इस नशे से बचाने के लिए कोई योजना तैयार की जाए. इसके बाद मार्च के बुधवार को विशेष अभियान चलाया गया. इसे एश बुधवार नाम दिया गया. यूके मेें वर्ष 1984 मेें यह पहली बार मनाया गया. हालांकि जैसे जैसे समय गुजरा यह मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाना लगा. अब विश्व भर में हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को ही यह दिन मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत नशे की लत लोगों को हमेशा के लिए धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के उद्देश्य से की गई थी. यह एक हेल्थ अवेयरनेस डे है. हर साल अलग थीम के साथ मनाया जाता है। यूनाइटेड किंगडम के अलावा दुनियाभर में इस दिन स्मोकिंग के खिलाफ अवेयरनेस लाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।














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