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अतीक अहमद परिवार की बढ़ेगी मुसीबत,अनंत देव की एसटीएफ में इंट्री






अतीक अहमद परिवार की बढ़ेगी मुसीबत,अनंत देव की एसटीएफ में इंट्री

100 से अधिक एनकाउंटर है रिकॉर्ड

प्रयागराज। धूमनगंज इलाके में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या से सरकार के कानून के राज पर उठ रहे सवाल के बीच शासन ने अनंत देव तिवारी को एसटीएफ में अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी है। सरकार का यह कदम अतीक अहमद और उनके परिवार की मुसीबत बढ़ाने वाला है। सरकार का इरादा इस मामले में किसी भी प्रकार की मुरव्वत देने का नहीं है।
अभी तक जीआरपी डीआईजी का पद संभाल रहे अनंत देव तिवारी अपराधियों के लिए काल समझे जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक घटना के तुरंत बाद से ही अनंत देव तिवारी एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश के साथ इस मामले में काम कर रहे हैं। जिन्हें सरकार ने औपचारिक रूप से एसटीएफ में जिम्मेदारी दे दी है। 1987 बैच के आईपीएस अफसर फतेहपुर के वह गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता पेशे से कथावाचक हैं। 2006 में आईपीएस बने अनंत देव अपराधियों डकैतों को अपने अंजाम तक पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। 2007 में अमिताभ यश की अगुवाई में शिव कुमार उर्फ ददुआ की आतंकी कहानी का अंत किया गया था। 2008 में सिलखोरी जंगल में ददुआ के शिष्य अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था। विकास दुबे हत्याकांड में उनकी तस्वीरें और ऑडियो वायरल हुए थे। जिससे वह सुर्खियों में आ गए थे और कुछ समय तक निलंबित भी थे। अनंत देव तिवारी 2017 में हुए एक सर्वे के दौरान पांच सर्वाधिक चर्चित आईपीएस अफसरों में तीसरे नंबर पर भी थे। एसटीएफ ढाई ढाई लाख के ईनामी असद और चार अन्य शूटरों का लगातार पीछा कर रही है। उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कोलकाता समेत कई इलाकों में छापेमारी कर रही है।

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