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चाय पीने के बाद कुल्हड़ खाइए

 





चाय पीने के बाद कुल्हड़ खाइए


मिलेट से बने कुल्हड़ बन रहे हैं आकर्षण का केंद्र


प्रयागराज। चाय की चुस्की लेने के बाद कुल्लड़ को इधर-उधर फेंकने की बात अब बीते जमाने की होने वाली है। जैसे आप आइसक्रीम खाने के बाद कोन को भी खाते हैं। वैसे ही खाने वाले कुल्लड़ बाजार में उतरने वाले हैं। प्रयागराज के माघ मेला में देवरिया के किसानों के समूह द्वारा बनाया गया मिलेट(रागी और मक्के के आटे से बना) कुल्हड़ इन दिनों चाय पीने के शौकीनों को अपनी तरफ खींच रहा है। किसानों के समूह में शामिल अंकित राय ने बताया कि मिलेट के हेल्थ बेनिफिट के बारे में समझने के बाद हमारा ख्याल इधर गया और करीब 2 वर्ष पहले इस तरह के कुल्लड़ को आकार दिया गया। वाली बनाने के लिए हमारे पास एक स्पेशल सांचा होता है। जिसमें एक बार में 24 कुल्लड़ बनाए जा सकते हैं। अंकित राय बताते हैं कि मिलेट के बने कुल्लड़ में गरम चाय डालने से आधे घंटे तक कुल्लड़ पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने आगे बताया कि शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों से भी काफी मांग आ रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया गोरखपुर सिद्धार्थनगर कुशीनगर के ग्रामीण इलाकों के चाय विक्रेताओं से संपर्क करने पर धीरे-धीरे लोगों का ध्यान इस पर जाने लगा। उनकी कोशिश है कि प्रयागराज, बनारस, और लखनऊ तथा अन्य जिलों में भी इसका प्रचार प्रसार किया जाए। मिलेट से बने कुल्लड़ की कीमत 4 से ₹5 पड़ती है और इन्हें फेंकना भी नहीं पड़ता। इसके खाने से हेल्थ बेनिफिट भी मिलता है। और साफ सफाई की कोई समस्या भी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि मिलेट सदियों से हमारे समाज का अंग रहा है। भारत सरकार ने भी 2023 को मिनट पर्स के रूप में मना रही है और इसके हेल्थ बेनिफिट से लोगों में जागरूकता फैला रही है।

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