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शासन की बड़ी कार्यवाई में तीन जेल अधीक्षक हुए निलंबित







शासन की बड़ी कार्यवाई में तीन जेल अधीक्षक हुए निलंबित


जेल में अपराधियों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने पर गिरी गाज

प्रयागराज।उत्तर प्रदेश की जेलों में अपराधियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के मामले में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए नैनी सेंट्रल जेल समेत बरेली और बांदा के अधीक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। इन तीनों जिलों में कुख्यात अपराधी और उनके रिश्तेदारों को नियम ताक पर रखकर सुविधाएं देने का मामला सामने आ रहा था। इन जेलो से अपराधी अपना सिंडिकेट चला रहे थे। जिनमें अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आ रही थी।अभी कुछ दिन पहले ही चित्रकूट और बरेली में जेलर समेत कई कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया था वही कुछ को जेल भी भेजा गया था।
जेल में चल रहे खेल के मामले में डीआईजी जेल की जांच रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को सुबह के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में जेल मंत्री व डीजी जेल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की थी। जिसमें नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह, बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम व बरेली जेल के राजीव शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया। खालिद अजीम उर्फ अशरफ के बरेली जेल में बंद रहने के दौरान ही शूटरों के साथ उसकी मीटिंग की खबरें शासन तक पहुंची थी और जांच के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई थी। वही नैनी सेंट्रल जेल में अतीक अहमद के बेटे अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार उसकी बैरक में कूलर आदि की व्यवस्था जेल प्रशासन की मिलीभगत से की गई थी। जिसकी भनक शासन को लग गई थी। बताया जाता है कि साबरमती से लाकर नैनी जेल में अतीक अहमद को दाखिल करने वाले दिन ही डीआईजी जेल एके सिंह जांच के सिलसिले में नैनी जेल पहुंचे थे। बांदा में पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी को पंजाब से लाकर दाखिल कराया गया है। जिसे सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही थी। जिसे शासन ने गंभीरता से लिया है। बांदा में उसके गुर्गों पर बुलडोजर भी चला कर जमीदोज कर चुकी है।

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