उच्च शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति में मुक्त विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण - राज्यपाल आनंदीबेन
मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में उमा यादव को मिला कुलाधिपति स्वर्ण पदक
प्रयागराज। उप्र राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 20वां दीक्षान्त समारोह सोमवार को सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया। दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने की।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि उच्च शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति में मुक्त विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण है।समाज के कम से कम 50% युवाओं की पहुंच उच्च शिक्षा तक होनी चाहिए। इसमें मुक्त विश्वविद्यालय को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय यह कार्य अपने क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से पूरा कर सकता है। दूरस्थ शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ऑनलाइन सुविधाओं का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। इस अवसर पर राज्यपाल ने बिगड़ते पर्यावरण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने इस अवसर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय बेरुई के बच्चों द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर दी गई प्रस्तुति की सराहना की। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने महिलाओं में बढ़ते सरवाइकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी वैक्सीनेशन की मुहिम के लिए जन सहभागिता की अपील की। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि उन्होंने प्रदेश की महिलाओं को कैंसर से बचाव के लिए जो मुहिम चलाई है उसमें प्रशासनिक अधिकारी अपना सहयोग प्रदान करें।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर उमा कांजीलाल, कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने आभासी रूप में दीक्षान्त भाषण देते हुए कहा कि इस समय युवा ही विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए युवाओं को अपनी समस्त ऊर्जा का उपयोग देश के विकास के लिए करना चाहिए। प्रोफेसर कांजीलाल ने कहा कि इस दौर में भारत अंतरिक्ष विज्ञान, कृषि, सुरक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है। हमें भी इसमें अपना योगदान देना है। वर्तमान में ओ डी डी एल, कृत्रिम मेधा, मशीन लर्निंग एवं ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग आदि शिक्षा के विस्तार और पहुंच को सुनिश्चित करने वाले प्रभावी और महत्वपूर्ण माध्यम उपलब्ध हैं। इन माध्यमों का प्रयोग करके हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों की प्राप्ति में महती भूमिका अदा कर सकते हैं। यह नीति भारतीय मूल्यों, सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक ज्ञान के समावेश के साथ-साथ आधुनिकता और नवाचार को भी प्रोत्साहित करती है।
विशिष्ट अतिथि श्री योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्राप्त शिक्षार्थियों से कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में उन्हें आधुनिक विज्ञान और तकनीक का ज्ञान अर्जित करना होगा। ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल पुस्तकालय, वर्चुअल लैब्स और स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएं शिक्षा के स्वरूप को बदल रही है। श्री उपाध्याय ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय का महत्व इसी कारण और भी बढ़ गया है क्योंकि यह उन विद्यार्थियों तक दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा पहुंचा रहा है। विशिष्ट अतिथि श्रीमती रजनी तिवारी, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ ज्ञान को जीवन से जोड़ना है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वह मूल्य और संस्कार को आत्मसात करते हुए अपने व्यक्तित्व को ऐसा बनाएं जो समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी हो। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने न केवल हमारी जीवन शैली बदल दी है बल्कि शिक्षा के स्वरूप को भी नई दिशा दी है। श्रीमती तिवारी ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना तभी साकार होगा जब युवा अपनी उर्जा, ज्ञान और नवाचार से इसमें योगदान देंगे।
20वें दीक्षान्त समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 27 स्वर्ण पदक प्रदान किये गये, जिनमें 15 स्वर्ण पदक छात्राओं तथा 12 स्वर्ण पदक छात्रों ने प्राप्त किए। दीक्षान्त समारोह में सत्र दिसम्बर-2024 तथा जून-2025 की परीक्षा के सापेक्ष उत्तीर्ण 28421 शिक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी, जिसमें 17268 पुरूष, 1 ट्रांस्जेंडर तथा 11152 महिला शिक्षार्थी हैं। इस अवसर पर उपाधियों एवं अंकपत्रों को डिजीलॉकर में अपलोड कर प्रसारित किया गया। 20वें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेनपटल ने क्षेत्रीय केंद्र अयोध्या से सम्बद्ध स्नातक विज्ञान की छात्रा सुश्री उमा यादव को दिया।सुश्री उमा ने बी.एस.सी. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा वे समस्त विद्याशाखाओं की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तीर्ण समस्त स्नातक एवं परास्नातक शिक्षार्थियों में सर्वश्रेष्ठ रहीं।
इस अवसर पर राज्यपाल की मौजूदगी में इलाहाबाद संग्रहालय से समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) भी किया गया। इसके अन्तर्गत मुक्त विश्वविद्यालय में संग्रहालय अध्ययन का कोर्स आरम्भ किया जाएगा। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पांच स्कूली छात्राओं को एचपीवी की वैक्सीन लगाई गई। दीक्षान्त समारोह भारतीय पारम्परिक परिधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, महापौर गणेश केसरवानी, विधायक गुरु प्रसाद मौर्य, बाबूलाल तिवारी, कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह, पूर्व कुलपति प्रोफेसर पृथ्वीश नाग, महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि टीना मां, इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक श्री राजेश प्रसाद, उपेंद्र सिंह एवं जिला प्रशासन के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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