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दूसरों की मदद का है संकल्प, जरूरतमंद के बीच बनी पहचान

दूसरों  की मदद का है संकल्प, जरूरतमंद के बीच बनी पहचान


प्रयागराज। किसी जरूरतमंद की निस्वार्थ मदद करने वाले कम ही मिलते है। नैनी के पप्पू की कहानी कुछ ऐसी है। घर छूटा, परिवार छूटा लकिन किसी की मदद का जज्बा कम नही हुआ।
नैनी लेप्रोसी चौराहे पर महाकुंभ के दौरान बनाए गए पर्यटन सूचना केंद्र में ठिकाना बनाए पप्पू दिन हो या रात चौबीसो घंटे हाजिर रहते हैँ।






 नैनी के गंजिया के रहने वाले पप्पू की पहचान किसी की मोहताज़ नही है। उन्होंने ने बताया कि महाकुंभ से पर्यटन सूचना केंद्र  खाली पड़ा हुआ था, इसे कोई पूछने वाला नहीं था। इसलिए इसे ठिकाना बना लिया। अब न तो यहां कोई पूछने आता है और न ही किसी ने रहने से मना किया। इसलिए यहां पर रहने लगा हूं। 
पप्पू ने बताया कि घर परिवार छूटने के बाद वह पिछले कई वर्षों से यहां पर रह रहा है। वह सड़क हादसे में घायल होने वाले लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम करता है। इसके अलावा पुलिस की मदद के लिए यहां पर रहता हैं। पहले सड़को पर सो जाता था। लेकिन महाकुंभ के बाद यह खाली मिला तो यही रहने लगा। पप्पू ने बताया कि वह कोरोना काल में लोगों का सहयोग करता था। 







पप्पू ने पर्यटन सूचना केंद्र के अंदर अपनी पूरी गृहस्थी बना रखी है। उसके अंदर गैस चूल्हे, बिस्तर के साथ अपने योग की हर सामग्री को रखे हुए है। पप्पू ने बताया कि मेरे पास को काम नहीं है। मैं बेरोजगार हूं, बस लोगों की मदद करके जो सहयोग मिल जाता है उससे गुजारा हो जाता है। उनलसने बताया कि पुलिस से भी कुछ खर्चा मिलता रहता है।








महाकुंभ में पर्यटन सूचना केंद्र यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया गया था। दूर दराज से आने वाले यात्रियों को उनके गंतव्य और पर्यटन स्थल की जानकारी देने के लिए यह बनाया गया था। महाकुंभ के समय यह यात्रियों के लिए सुविधाजनक था। जो आज बेकार पड़ा हुआ है। ऐसे कई पर्यटन सूचना केंद्र बनाए गए है जो महाकुंभ के बाद से बेकार पड़े हुए है।

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